आवासीय योजना के लिए धार्मिक स्थल तोड़ने पर बवाल, पथराव, लाठीचार्ज
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उत्तर प्रदेश बरेली विकास प्राधिकरण की रामगंगा आवासीय योजना की जमीन में आ रहे धार्मिक स्थलों को गुरुवार को प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया। प्राधिकरण की कार्रवाई के बाद एक समुदाय के लोग भड़क गए। तमाम गांव के लोगों ने प्राधिकरण टीम को चारों तरफ से घेर लिया। भीड़ अचानक हमलावर हो गई और महिलाएं अफसरों पर पत्थर लेकर दौड़ पड़ी। रोड जाम कर बीडीए के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो भगदड़ मच गई। महिलाए हाथों में धारदार हरियार लेकर पहुंच गई। पुलिस प्रशासन के अधिकारी किसी तरह मामले को संभालने में जुटे रहे।
चांदपुर बिचपुरी में सड़क किनारे पड़ी बरेली विकास प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा हटाने के लिए बीडीए की टीम गुरुवार को गांव पहुंची। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक किसानों से जमीन प्राधिकरण ने अधिग्रहण की है। कुछ लोगों ने वहां एक धार्मिक स्थल बना लिया था। कुछ अंदर की ओर जमीन पर पर एक अन्य धार्मिक स्थल भी बना लिया गया।
प्राधिकरण की टीम अवैध कब्जा हटाने के लिए मौके पर पहुंची। टीम ने पैमाइश की तो पाया कि धार्मिक स्थल का बरामदा कब्जा करके बनाया गया। इस पर टीम ने उसे तोड़ दिया। वहीं एक अन्य धार्मिक स्थल पूरी तरह सरकारी जमीन पर बनाया गया था। इसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। इसी के खिलाफ एक समुदाय के सैकड़ों ग्रामीण भड़क गए। टीम पर भीड़ ने पथराव कर दिया। विकास प्राधिकरण की टीम से हाथापाई भी की गई।
फोर्स कम होने से हमलावर टीम पर हावी हो गए। लोगों को आक्रोशित होते देख टीम को वहां से भागना पड़ा। महिलाएं धारदार हथियार लेकर सड़कों पर उतर आई। इस बीच आसपास गांव की भीड़ भी मौके पर पहुंच गई। लोगों ने तोड़े गए धार्मिक स्थल के पास ही धरना शुरू कर दिया। इस पर प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए गांव में चार थानों की फोर्स और पीएसी लगा दी है।
पुलिस और पीएसी गांव के चारों तरफ फैल गई। भीड़ ने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी शुरू कर दी।
लोगों का कहना है कि कार्रवाई गलत व पक्षपातपूर्ण की गई है। तनाव बढ़ता देख सदर एसडीएम विशु राजा भी मौके पर पहुंच गए हैं। इसके साथ बड़ी तादाद में पुलिस पहुंच गई। सपा और आईएमसी के नेता भी पहुंच गए। स्थानीय लोगों के साथ धरने पर सपा के पूर्व प्रवक्ता हैदर अली भी बैठ गए हैं।
वहीं बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह का कहना है कि प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। किसी धार्मिक स्थल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। जो अवैध निर्माण था उसको ही तोड़ा गया है।