लॉकडाउन में नौकरी गई तो मजबूरी में घर पहुंचा शख्स, अब दाने-दाने के पड़े लाले
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यूपी : लॉकडाउन में नौकरी गई तो मजबूरी में घर पहुंचा शख्स, अब दाने-दाने के पड़े लाले
सूबे के बस्ती ज़िला स्तिथ बहादुरपुर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोविंदापुर के महुआ डाबर गांव में दिव्यांग सिकंदर हुसैन अपने परिवार के साथ घास-फूस की झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। लॉकडाउन में मुंबई में नौकरी छूट गई तो मजबूरी में घर आना पड़ा। वहीं तंत्र की बेरूखी ऐसी है कि इस दिव्यांग का अब तक राशन कार्ड नहीं बन पाया है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित इस परिवार पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है।
सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 78 प्रतिशत आबादी को हर माह खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। ऐसे में एक पात्र दिव्यांग का मूलभूत योजनाओं से वंचित रहना व्यवस्था पर कई प्रश्न खड़ा करता है। सिकंदर बताते हैं कि इसकी शिकायत डीएम से की थी। लेकिन बात नहीं बनी। वे बताते हैं कि पहले मुंबई में एक निजी कंपनी में जरी का काम करते थे। लेकिन कोरोना काल में नौकरी छूट गई और घर आना पड़ा। करीब सालभर से बेरोजगार हैं। आजकल खाने तक के लाले पड़े हैं।